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हसरत जयपुरी के जन्म दिन  पर विशेष - 15 अप्रैल

ये मेरा प्रेमपत्र पढ़ कर के तुम नाराज ना होना... 

Image result for हसरत जयपुरीहिन्दी सिने जगत के सुप्रसिद्ध गीतकार हसरत जयपुरी का जन्म 15 अप्रैल 1922 को जयपुर में हुआ था। उन्होंने बीस वर्ष की उम्र से ही कविता लिखना शुरू कर दिया तथा कवि सम्मेलनों व मुशायरों में शिरकत करने लगे थे। वर्ष 1940 में हसरत आजीविका की तलाश में मुम्बई आए और  बस कन्डक्टर की नौकरी करने लगे। मुम्बई में एक मुशायरे के दौरान पृथ्वीराज कपूर ने हसरत को सुना और राज कपूर को हसरत साहब से मिलने की सलाह दी।

राज साहब उन दिनों फिल्म " बरसात " का निर्माण कर रहे थे। उन्होंने हसरत से बरसात फिल्म के लिए गीत लिखने को कहा। हसरत का सबसे पहला गाना जीया बेकरार है रिकॉर्ड हुआ। इसके बाद छोड़ गए बालम गाना रिकॉर्ड हुआ। फिल्म " बरसात " के ये दोनों गाने बेहद लोकप्रिय हुए और हसरत रातोंरात स्टार बन गए। बरसात संयोग से संगीतकार शंकर - जय किशन की भी पहली फिल्म थी। बरसात की सफलता के बाद राज कपूर, हसरत व शंकर - जय किशन की टीम ने एक से बढ़कर एक शानदार गीत संगीत प्रेमियों को दिए।

हसरत ने राज कपूर की कई फिल्मों के लिए गीत लिखे जिनमें आवारा,  श्री 420,  चोरी चोरी, अनाड़ी,  जिस देश में गंगा बहती है,  संगम, मेरा नाम जोकर व राम तेरी गंगा मैली प्रमुख हैं। शंकर - जय किशन के साथ हसरत साहब की खूब जमी और कई हिट गीत हसरत साहब ने शंकर - जय किशन की संगीतबद्ध फिल्मों के लिए  लिखे। छोड़ गए बालम " बरसात ", हम तुमसे मुहब्बत करके सनम " आवारा ", आजा सनम मधुर चांदनी " चोरी चोरी,  एहसान तेरा होगा " जंगली", तेरी प्यारी - प्यारी सूरत " ससुराल ", बहारो फूल बरसाओ " सूरज", इब्तिदाए इश्क में " हरियाली और रास्ता " व जाने कहाँ गए वो दिन " मेरा नाम जोकर " प्रमुख हैं।

हसरत जयपुरी को अपने पड़ोस में रहने वाली  लड़की राधा से प्यार हो गया था। उन्होंने अपने प्यार का इजहार करने के लिए एक दिन राधा को पत्र लिखा जिसमें लिखा था, " ये मेरा प्रेमपत्र पढ़ कर के तुम नाराज ना होना "। ये पत्र राधा को देने की हसरत तो हसरत के दिल में ही रह गयी लेकिन यह पत्र  फिल्म "संगम " की नायिका राधा ( वैजयंती माला) तक ज़रूर पहुंच गया। एक बार हसरत जयपुरी ने पेरिस में एक महिला को साड़ी पहने देखा जिस पर सितारे जड़े हुए थे।इससे प्रेरित होकर भारत लौटने पर उन्होंने एक गीत लिखा बदन पे सितारे लपेटे हुए  जो बेहद लोकप्रिय हुआ।

हसरत साहब को वर्ष 1966 में तेरी प्यारी प्यारी सूरत ( ससुराल)  व वर्ष 1972 में जिंदगी एक सफर है सुहाना ( अंदाज)  के लिए फिल्म फेयर अवॉर्ड से नवाजा गया। उन्होंने लगभग 300 फिल्मों के लिए गीत लिखे। 17 सितम्बर 1999 को  हसरत इस दुनिया को अलविदा कह खुदा के पास चले गये। आज उनके जन्मदिन  पर इस आलातरीन गीतकार  को हार्दिक श्रद्धांजलि।

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