google1e404caf35315df4.html ज़बरदस्त है बेगम जान का पर्फोर्मंस #FilmReview - MMFNEWS24

Header Ads

ज़बरदस्त है बेगम जान का पर्फोर्मंस #FilmReview


“तवायफ के लिए हर दिन एक जैसा होता है, एक बार बत्ती बुझें सब एक .......




कहानी नयी दिल्ली का कनाट प्लेस :- जहाँ से शुरू होती है बेगम जान का पहला सीन - एक ऐसी घटना जो दिल दहलाने के लिए काफ़ी है - जो ले जाती है हमें करीब 70  साल पहले के आज़ाद भारत के लिए संघर्ष की कहानी की तरफ.

अगस्त १९४७ की एक ऐसी कहानी जब दो मुल्कों को दो हिस्सों में बाँट दिया गया, और बंटवारे में आ गया किसी का घर - जिसे लोग घर नहीं कोठा कहते थे जी हाँ बेगम जान का कोठा ..

बेगम जान है भारत की आज़ादी के वक़्त बटवारे की कहानी और उस बटवारे में बेगम जान यानि विद्या बालन का कोठा भी आ जाता है | 

सच्ची कहानी पर आधारित इस कहानी में विद्या बालन और उनकी पूरी टीम के अपने कोठे को बचाने के लिए विद्रोह करती है हुए निकलती है |


स्टारकास्ट - विद्या बालन, ईला अरूण, नसीरउद्दीन शाह, चंकी पांडे, पल्लवी शारदा, मिष्टी, फ्लोरा सैनी, रिद्धिमा तिवारी, रजित कपूर, आशिष विद्यार्थी, विवेक मुश्रा 

डायरेक्टर - श्रीजीत मुखर्जी प्रोड्यूसर -मुकेश भट्ट, विशेष भट्ट 

लेखक - श्रीजीत मुखर्जी, कौसर मुनीर 

शानदार पॉइंटज़बरदस्त है बेगम जान का परफॉर्मेंस और धारदार डायलॉग

डायरेक्शन :  श्रीजीत मुखर्जी इससे पहले नेशनल अवार्ड विनिग फिल्म राज कहिनी बना चुके हैं, बेगम जान इस फिल्म का रीमेक है | पर ऐसा लग रहा है जैसे की श्रीजीत मुखर्जी का सारा ध्यान सिर्फ विद्या बालन पर ही था इसलिए आप विद्या बालन के अलावा थोडा बहुत गौहर खान के किरदार के अलावा किसी और किरदार से खुद को जोड़ नहीं पायंगे और यहाँ डायरेक्शन में थोड़ी कमी रह गयी है  


परफॉरमेंस : बेगम जान एक महिला प्रधान फिल्म है जो विद्या बालन के इर्द गिर्द ही घूमती है यकीनन उन्होंने इस किरदार को बखूबी निभाया भी फिल्म में उनके पहले सीन से लेकर आखिरी सीन तक विद्या ने अपने रोल को बड़े ही सटीक तरीके से निखाया है | एक तरफ आप उनका बोल्ड अंदाज देख सकते है जहाँ वो गलियां देती और अपने कोठे और अपनी कोठे की लड़कियों के लिए उनका प्यार किरदार को दमदार बनाता हैं





दूसरी तरफ गौहर खान ने भी रुबीना के किरदार को बखूबी निभाया और बेगम जान की कहानी और फुल सपोर्ट किया | मिष्टी, रिद्धिमा तिवारी, फ्लोरा साइना और ईला अरूण ने भी अपने किरदार को बखूबी निभाया हालाँकि कहानी में इनके लिए ज्यादा कुछ लिख नहीं गया था । 

नसीरउद्दीन शाह में राजा की भूमिका में बहित थोड़े से टाइम लिए दिखाई देते है तो नसीर साहब की एक्टिंग काफी सीमित है  |

रजित कपूर और आशीष विद्यार्थी सरकारी ऑफिसर के रूम में दिखाई देते है कहीं न इनका रोले भी कुछ और अच्छे तरीके से लिखा जा सकता था |

डायलॉग : फिल्म के डायलॉग तो इस कहानी की जान है और बेगम जान के किरदार को एक कम्पलीट रूप देते है | जैसे की विद्या का एक सीन जहा वो कहती है “महीना हमें गिनना आता है साहब....हर बार लाल करके जाता है" और एक सीन जहाँ वो कहती है “ आप जिसे जुबां से कोठा और दिमाग में रंडीखाना कहते है वो मेरा घर है ...” | 

फिल्म में डायलॉग को श्रीजीत मुखर्जी बखूबी लिखा है और लोगो को कहानी से बांधे रखने में कामयाब होते है |

सिनेमैटोग्राफी :  फिल्म को शूट करने के लिए लोकेशन का चयन एक दम कहानी के अनुसार किया गया है बेगम जान को दुनिया उनका महल यानी कोठा बेहतरीन तरीके से फिल्माया गया है | फिल्म के शुरुआत में थोडा स्लो लगता है पर जैसे विद्या बालन और सरकार के तरफ से कोठा खाली करने का नोटिस मिलता है आपको काफी शानदार सीन देखने को मिलेंगे |

म्यूजिक:  फिल्म में 7 गाने है जिन्हें आशा बोंसले, रहत फ़तेह अली खान , सोनू निगम , अल्तमश फरीदी , कल्पना पटवारी, श्रेया घोषाल, कविता सेठ, अरिजीत सिंह ने अपनी आवाज़ से सजाया है | और म्यूजिक अन्नू मलिक ने दिया है और हर गाना एक कहानी को बयां करता हुआ नज़र आता है|



No comments

Recent Comments