google1e404caf35315df4.html मेरे चंचल कवि हृदय का एक अफ़साना - MMFNEWS24

Header Ads

मेरे चंचल कवि हृदय का एक अफ़साना


#7th Cut -

मेरे चंचल कवी हृदय का, एक अफ़साना सुनो सुनो
मैं गा लूँ, एक गीत प्रिये, तुम एक तराना सुनो सुनो


बाँहों में आ, धड़कनों को सुन
मेरे शेरों में तुम, मेरे गीतों की धुन
जो तू मेरा हुआ मैं रवां हो गया
धड़कता है दिल ये क्या हो गया

मेरे चंचल कवी हृदय का, एक अफ़साना सुनो सुनो
मैं गा लूँ, एक गीत प्रिये, तुम एक तराना सुनो सुनो .....


टूट के मैं सिमट जाऊँ
जो तू बाहों में भर ले
मैं भी पा लूँ एक दिशा
तू निगाहें जो कर ले

मेरे चंचल कवी हृदय का, एक अफ़साना सुनो सुनो
मैं गा लूँ, एक गीत प्रिये, तुम एक तराना सुनो सुनो


तपिश से तेरी पिघल रहा हूँ
इत्र बनके तू बिखर रही है
तेरी बाहों में पनाहों में
चैन पाऊं तेरी राहों में


मेरे चंचल कवी हृदय का, एक अफ़साना सुनो सुनो
मैं गा लूँ, एक गीत प्रिये, तुम एक तराना सुनो सुनो


- सिंगर - देव नेगी
#Music :- Surendra Singh ji

No comments

Recent Comments