ब्रह्मलीन हुई तारक मेहता की आत्मा - 88 वर्ष के थे
नहीं रहे गुजरात के मशहूर लेखक और कॉलम्निस्ट तारक मेहता । सब टीवी पर प्रसारित होने वाले शो तारक मेहता का उल्टा चश्मा का निर्माण उनके ही लोकप्रिय कॉलम 'दुनिया ने ऊंधा चश्मा' पर किया गया है । सभी जानते हैं इस शो ने कई कीर्तिमान अपने नाम किये हैं।
तारक मेहता 88 वर्ष के थे। उनके परिवार ने देह-दान का निर्णय लिया है, क्योंकि यही उनकी आख़िरी इच्छा थी। वो हमेशा यह बात दोहराते थे कि जब उनका देहांत हो तो वे देह-दान कर सकें।
शो को लगातार कई सालों तक टीवी के अवार्ड समारोह में बेस्ट कॉमेडी शो का ख़िताब मिलता रहा है। वर्ष 2012 में शो ने हजार एपिसोड पूरे किये थे। यह तारक मेहता के लेखन का ही कमाल था कि गुजरात की पृष्ठभूमि पर बने इस शो से पूरे भारत से जोड़ा । शो के निर्माता असित मोदी ने तारक मेहता के निधन पर दुःख प्रकट किया है।
असित ने बताया कि वे बचपन से ही तारक के कॉलम के फैन थे और उनके ज़हन में एक दिन यूं ही ये बात आयी कि इस पर शो बनना चाहिए। वजह यह थी कि तारक के उस कॉलम में हमेशा समाज के छोटे-छोटे मुद्दे की बात होती थी और लोग उस पर रिएक्ट करते थे।
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